हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शाहगंज जौनपुर/नगर के कोरवालिया सेन्ट थामस रोड मास्जिद चादबीबी के इमाम ने लोगो को बताया की रमजान इस्लाम का पावित्र माहिना है जिसमे रोजा रखा जाता है लेकिन उपवास सिर्फ इस्लाम तक सिमित नही है यह सभी धर्मो मे होता है हिन्दू,ईसाई,व सिख धर्म मे भी उपवास की परम्परा है जैन धर्म मे भी उपवास रखा जाता है।
जो आत्म संयम अल्लाह के नजदीक होना और आत्मा शुध्दि का माध्यम है बाल्कि रोजा समाज मे समानता की भावना भी पैदा करता है अमीर और गरीब दोनो एक साथ भूखा प्यासा रहते है तो यह सहानुभूति और एक जुटता को बढावा देता है।
रोजे के दौरान गरीब की मदद करना व इफ्तार कराना इस्लाम की एक महत्वपुर्ण परम्परा है रोजा आत्म शुध्दि का एक साधन है इन्सान अपनी आत्मा को संसारिक लालसा से मुक्त करके अल्लाह की ओर आधिक झुकाव महसूस करता है नमाज मे इन्सान दुआ के जारिये गुनाहो की माफी मागता है मौलाना सैय्यद आबिद ने मुल्क मे अमन चैन के लिये दुआ कराई।
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